हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के सामने नहीं झुकेगी सरकार : PMCH पहुंचे प्रधान सचिव ने कुल्हड़ चाय पी लेकिन हड़तालियों से नहीं की बात

1st Bihar Published by: Updated Thu, 24 Dec 2020 09:00:40 PM IST

हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के सामने नहीं झुकेगी सरकार : PMCH पहुंचे प्रधान सचिव ने कुल्हड़ चाय पी लेकिन हड़तालियों से नहीं की बात

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PATNA : मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले जूनियर डॉक्टरों के सामने बिहार सरकार ने अब नहीं झुकने का साफ संकेत दे दिया है. बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत आज PMCH पहुंच गये. हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को लगा कि प्रधान सचिव उनसे बात करेंगे. लेकिन प्रत्यय अमृत ने अस्पताल का निरीक्षण कर कुल्हड़ चाय पी और वहां से निकल गये. उन्होंने हड़ताली डॉक्टरों का कोई नोटिस नहीं लिया.


अब नहीं झुकेगी राज्य सरकार
दरअसल बिहार के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल को रूटीन बना लिया है. इस दफे पूरे बिहार के जूनियर डॉक्टर इस दफे स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बगैर कोई लिखित सूचना दिये हड़ताल पर उतर गये हैं. हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने PMCH में मरीजों का रजिस्ट्रेशन रोक दिया. वहीं, NMCH में सीनियर डॉक्टरों को काम करने से रोक दिया. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत आज पीएमसीएच पहुंच गये.


पीएमसीएच के कॉटेज में प्रधान सचिव ने प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक के साथ बैठक की. PMCH अधीक्षक विमल कारक ने प्रधान सचिव को डॉक्टरों का रोस्टर दिखाया कि वह हड़ताल के समय किस तरह से अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. अधीक्षक ने बताया कि बुधवार को 1400 मरीज OPD में देखे गए, जबकि मंगलवार को तकरीबन 1400 मरीज देखे गए. अधीक्षक ने उनको बताया कि जूनियर डॉक्टरों को कहा जा चुका है कि हड़ताल वापस लें नहीं तो कार्रवाई होगी.


पीएमसीएच में मौजूद मीडियाकर्मियों ने प्रधान सचिव से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि अभी वे अस्पताल का निरीक्षण करने आये हैं. इसके अलावा कोई दूसरी बात नहीं करेंगे. प्रधान सचिव ने पीएमसीएच के ब्लड बैंक का निरीक्षण किया. उन्होंने एड्स जांच घर, कोविड ICU और पोस्ट कोविड वार्ड का भी जायजा लिया. प्रत्यय अमृत ने पीएमसीएच में लगायी गयी मशीनों और उनकी मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी ली. कुल्हड़ की चाय पी और निकल गये.


अस्पताल के निरीक्षण के बाद प्रधान सचिव ने पीएमसीएच के कॉटेज में बैठकर डॉक्टरों के साथ बात की. उनके साथ कुल्ह़ड़ की चाय पी. उन्हें अस्पताल की व्यवस्था सही करने को कहा और फिर हड़ताली डॉक्टरों का नोटिस लिये बगैर वहां से निकल गये.