बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Updated Tue, 31 Dec 2019 01:21:07 PM IST
- फ़ोटो
MUMBAI: महाराष्ट्र में बीजेपी के हाथों से सत्ता जाने के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार बन गई है. नई सरकार के गठन के बाद उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो चुका है. कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया पूरी होने के सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने के साथ राज्य मंत्रालय के परिसर में सभी को ऑफिस देने का काम भी शुरू हो गया है. लेकिन इन सब के बीच मंत्रालय की छठी मंजिल का एक केबिन सुर्खियों में है. इस फ्लोर पर एक ऐसा केबिन है जिसे कोई भी मंत्री लेने को तैयार नहीं है. मंत्रालय के इस ऑफिस के बारे में यह कहा जाता रहा है कि इस ऑफिस में बैठने वाला कोई भी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है.
छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन नंबर-602 फिलहाल किसी भी मंत्री को अलॉट नहीं किया गया है. इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं. इससे पहले इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था. पहले यहां पर सीएम, सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव बैठा करते थे, लेकिन अब इस ऑफिस में काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. अंधविश्वास ये है कि इस केबिन में बैठा कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार.. जो कभी इस ऑफिस में काम कर चुके थे, उन्होंने भी कमरा नंबर-602 को लेने से इनकार कर दिया है.
साल 2014 में बीजेपी की सरकार के दौरान ये केबिन तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था. अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंसे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद यह केबिन खाली नये कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया. कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में फुंडकर की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद से जून 2019 तक यह केबिन किसी को आंवटित नहीं हुआ. 2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी के नेता अनिल बोंडे को दिया गया तब वो इस ऑफिस में पहुंचे. अनिल इस साल का विधानसभा चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी चली गई. इसके बाद महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के किसी भी मंत्री को यह परिसर आवंटित नहीं हुआ.