Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका Ayodhya Temple : प्राण प्रतिष्ठा से अलग होगा राम मंदिर निर्माण का पूर्णता समारोह,जानिए क्या है ख़ास तैयारी Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Elections : सहनी के लिए तेजस्वी ने अपने कैंडिडेट को पार्टी से निकाला, अब गौड़ा बौराम सीट पर किसे समर्थन देंगे लालू यादव हो गया क्लियर Bihar Election 2025: PM मोदी के कैमूर दौरे की तैयारी तेज, इस दिन विशाल जनसभा को करेंगे संबोधित
1st Bihar Published by: Updated Tue, 31 Dec 2019 01:21:07 PM IST
- फ़ोटो
MUMBAI: महाराष्ट्र में बीजेपी के हाथों से सत्ता जाने के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार बन गई है. नई सरकार के गठन के बाद उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो चुका है. कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया पूरी होने के सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने के साथ राज्य मंत्रालय के परिसर में सभी को ऑफिस देने का काम भी शुरू हो गया है. लेकिन इन सब के बीच मंत्रालय की छठी मंजिल का एक केबिन सुर्खियों में है. इस फ्लोर पर एक ऐसा केबिन है जिसे कोई भी मंत्री लेने को तैयार नहीं है. मंत्रालय के इस ऑफिस के बारे में यह कहा जाता रहा है कि इस ऑफिस में बैठने वाला कोई भी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है.
छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन नंबर-602 फिलहाल किसी भी मंत्री को अलॉट नहीं किया गया है. इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं. इससे पहले इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था. पहले यहां पर सीएम, सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव बैठा करते थे, लेकिन अब इस ऑफिस में काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. अंधविश्वास ये है कि इस केबिन में बैठा कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार.. जो कभी इस ऑफिस में काम कर चुके थे, उन्होंने भी कमरा नंबर-602 को लेने से इनकार कर दिया है.
साल 2014 में बीजेपी की सरकार के दौरान ये केबिन तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था. अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंसे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद यह केबिन खाली नये कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया. कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में फुंडकर की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद से जून 2019 तक यह केबिन किसी को आंवटित नहीं हुआ. 2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी के नेता अनिल बोंडे को दिया गया तब वो इस ऑफिस में पहुंचे. अनिल इस साल का विधानसभा चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी चली गई. इसके बाद महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के किसी भी मंत्री को यह परिसर आवंटित नहीं हुआ.