Khan Sir: स्वतंत्रता दिवस समारोह के बीच पटना के इस थाने में क्यों पहुंच गए खान सर? होने लगी यह चर्चा Khan Sir: स्वतंत्रता दिवस समारोह के बीच पटना के इस थाने में क्यों पहुंच गए खान सर? होने लगी यह चर्चा Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Bihar News: बिहार में सरकारी चावल की कालाबाजारी, गोदाम से 350 मीट्रिक टन चावल गायब; बोरियों में निकलीं ईंटें Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप India Missile Test: ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल टेस्ट करने जा रहा भारत, दुनिया भर के लिए चेतावनी जारी..
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 27 Dec 2024 07:57:58 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। यह जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने दी। मनमोहन सिंह लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी व्यक्तिगत छवि काफी साफ-सुथरी रही। इनकी पहचान इसी शब्द से समझा जा सकता है कि भारत में आर्थिक सुधारों का श्रेय उन्हें ही जाता है फिर चाहे उनका 2004 से 2014 का प्रधानमंत्री का कार्यकाल रहा हो या फिर इससे पूर्व वित्त मंत्री के रूप में उनका कामकाज। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बिहार से काफी ख़ास लगाव रहा हो। भले ही यह मामला राजनीतिक हो लेकिन इन्होंने बिहार को हरसंभव मदद की थी।
दरअसल, पीएम रहते हुए मनमोहन सिंह 8 नवंबर, 2005 को सीतामढ़ी दौरे पर आए थे। तब उन्होंने बिहार में पूर्णिया, सहरसा के बाद सीतामढ़ी के जिला मुख्यालय डुमरा हवाई फील्ड में जनसभा को संबोधित किया था। उनके साथ तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव भी थे। 2005 में विधानसभा का चुनावी वर्ष था। ऐसे में राजद के प्रत्याशी मो. ताहिर उर्फ छोटे खान के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने तत्कालीन पीएम एवं रेलमंत्री आए थे।
इतना ही नहीं देश को आर्थिक संकट से उबारने में मनमोहन सिंह का बिहार के विकास में उनका काफी महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने हर संकट के समय बिहार आर्थिक मदद देने के लिए तैयार रहते थे। बिहार में आयी बाढ़ का तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ स्वयं सर्वेक्षण कर उन्होंने केवल बाढ़ राहत के लिए एक हजार करोड़ रुपये का विशेष अनुदान बिहार को दिया था।
वहीं, बिहार में विकास संबंधी समस्याओं में भी इन्होंने गहरी रुचि दिखाई है। उनकी पहल पर ही सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली ने 1989 में 'बिहार: विकास की समस्याएं' शीर्षक से एक अध्ययन किया था। इसके अलावा, उन्होंने बिहार की एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी पर एक अध्ययन के लिए एसआर सेन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2008 की त्रासदी में काफी अहम किरदार निभाया था, जब कुसहा बांध टूटने की वजह से बिहार भयंकर बाढ़ चपेट में आ गया था।
जानकारी हो कि, महमोहन सिंह जुलाई 2007 में भी बिहार आए थे और उस समय नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA की सरकार बनी थी। तब पटना में आयोजित नेशनल डेवेलपमेंट काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता उन्होंने की थी। एक पुस्तक के मुताबिक यह बताया जाता है कि वे 27 जुलाई, 2004 को भी प्रधानमंत्री के रूप में पटना आए थे।
इधर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जे की मांग ने जब जोर पकड़ा, तब प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रघुराम राजन की अध्यक्षता में इस मांग पर गौर करने के लिए एक विशेष कमेटी की स्थापना की थी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार की पहल पर उनके नेतृत्व में सरकार ने पटना में डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के निर्माण को मंजूरी दी थी। इन सभी घटनाओं के माध्यम से यह कहा जा सकता है कि मनमोहन सिंह का बिहार से ख़ासा लगाव था। भले ही यह तत्काल समय की मांग और राजनीतिक फायदा के लिए क्यों न हो, लेकिन इससे बिहार को कहीं न कहीं फायदा जरूर पहुंचा।