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1st Bihar Published by: Updated Thu, 02 Dec 2021 08:44:03 PM IST
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PATNA: बिहार विधानसभा परिसर में गुरूवार को पटना के डीएम और एसएसपी के काफिले के लिए मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी रोकने के मामले मे विधानसभा अध्यक्ष एक्शन में आ गये हैं। अध्यक्ष ने बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी को इस पूरे प्रकरण की जांच औऱ कार्रवाई के लिए कल सुबह 10 बजे तक समय दिया है। अपर मुख्य सचिव और डीजीपी की रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई पर फैसला लेंगे।
हम आपकों बता दें कि इस मामले में बिहार सरकार के अधिकारी मंत्री को ही झूठा साबित करने में लगे थे। शाम के 6 बजे विधानसभा अध्यक्ष के साथ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद औऱ डीजीपी एसके सिंघल की मीटिंग हुई थी। उसके बाद दोनों अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि ये प्रश्न ही नहीं उठता कि कोई भी पदाधिकारी चाहे वह पुलिस का हो या सिविल का वह किसी भी मंत्री का इज्जत नहीं करेगा।
कोई सवाल ही नहीं उठता कि कोई मंत्री को बेईज्जत या इंसल्ट करने का प्रयास करे. अगर कोई समस्या हुई है तो वह सीएम के कारकेड के कारण ट्रैफिक जाम के कारण हुई होगी. लेकिन ये मानने की बात ही नहीं है कि कोई जान कर मंत्री की गाडी रोके. डीजीपी ने कहा था कि वे सीसीटीवी फुटेज देखेंगे लेकिन कब देखेंगे इसकी कोई जानकारी नहीं दी।
एक्शन में विधानसभा अध्यक्ष
बिहार सरकार के आलाधिकारियों द्वारा मंत्री को झुठलाने की खबर के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष ने बिहार के डीजीपी औऱ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को कल यानि 3 दिसंबर की सुबह 10 बजे तक इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट और मंत्री की गाड़ी रोकने के लिए जिम्मेवार अधिकारी का नाम बताने को कहा है।
विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अध्यक्ष ने आज अपने कक्ष में सूबे के दोनों डिप्टी सीएम, सदन के लिए प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव औऱ संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ बैठकर इस घटना का सीसीटीवी फुटेज देखा. बिहार के डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी वह फुटेज दिखाया गया। इसके बाद अध्यक्ष ने कल सुबह 10 बजे तक अल्टीमेटम दिया है।
हम आपको बता दें कि मंत्री जीवेश मिश्रा ने आज खुद विधानसभा में जानकारी दी थी कि डीएम-एसएसपी के काफिले को निकालने के लिए उनकी गाड़ी को रोक दिया गया. इसके बाद सदन में जबरदस्त हंगामा हो गया था. जेडीयू को छोड़ कर बाकी सारी पार्टियों के विधायकों ने भारी हंगामा खडा कर दिया था. इसके बाद सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई औऱ तय हुआ कि बिहार के डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को विधानसभा अध्यक्ष तलब करेंगे. लेकिन सरकार अपने ही मंत्री की बातों को झुठलाने में लग गयी थी।