Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका Ayodhya Temple : प्राण प्रतिष्ठा से अलग होगा राम मंदिर निर्माण का पूर्णता समारोह,जानिए क्या है ख़ास तैयारी Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Elections : सहनी के लिए तेजस्वी ने अपने कैंडिडेट को पार्टी से निकाला, अब गौड़ा बौराम सीट पर किसे समर्थन देंगे लालू यादव हो गया क्लियर Bihar Election 2025: PM मोदी के कैमूर दौरे की तैयारी तेज, इस दिन विशाल जनसभा को करेंगे संबोधित
1st Bihar Published by: Updated Wed, 18 Dec 2019 11:39:55 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की गई है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, TMC की महुआ मोइत्रा, RJD के मनोज झा, जमीयत उलेमा ए हिंद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत 20 से ज्यादा नेताओं ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले नेताओं का कहना है कि ये कानून संविधान के खिलाफ है. नेताओं ने इस कानून के माध्यम से देश का सामाजिक सौहार्द खराब होने का आरोप लगाया है. इन नेताओं का यह भी मानना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि यह कानून धर्मनिरपेक्षतावाद का उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें धार्मिक समूहों के खिलाफ भेदभाव की दुर्भावना के साथ नागरिकता मुहैया कराने में कुछ लोगों को बाहर रखा गया है.