Bihar Bhumi: चकबंदी वाले गांवों में भू-अर्जन राशि किसे मिलेगी ? राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के ACS ने सभी DM को भेजा पत्र..दिया यह निर्देश,जानें... Bihar Crime News: बिहार में तीन गाड़ियों से 35 लाख की विदेशी शराब जब्त, अनलोडिंग के दौरान अचानक पहुंच गई पुलिस Bihar Crime News: बिहार में तीन गाड़ियों से 35 लाख की विदेशी शराब जब्त, अनलोडिंग के दौरान अचानक पहुंच गई पुलिस छपरा में प्रेम प्रसंग का दुखद अंत: पहले प्रेमी ने दी जान, अब प्रेमिका ने भी की आत्महत्या Mansoon Session: मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग, सदन में SIR और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हंगामे के आसार Mansoon Session: मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग, सदन में SIR और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हंगामे के आसार Bihar Politics: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर तेजस्वी ने जताई बड़ी आशंका, यादवों का नाम लेकर क्या बोले? Bihar Politics: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर तेजस्वी ने जताई बड़ी आशंका, यादवों का नाम लेकर क्या बोले? सुरक्षा पर सवाल: बेगूसराय में NH पर बच्चों से लगवाया स्कूल वैन में धक्का, वीडियो वायरल नशा जो ना कराये: नशेड़ी ने गाजर-मूली की तरह सांप को जिंदा चबाकर खाया, अस्पताल में भर्ती
1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Dec 2021 12:48:50 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : शीतकालीन सत्र में बिहार विधानसभा के अंदर ध्यानाकर्षण सूचना के तौर पर ललित यादव और चेतन आनंद जेडीयू के डॉक्टर संजीव कुमार ने कई सदस्यों के साथ मिलकर बिहार के विभिन्न जिलों में 14 वर्ष से ज्यादा की सजा काट चुके कैदियों को परिहार परिषद के द्वारा समय पर निर्णय नहीं लेने का मामला सदन में ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया.
ध्यानाकर्षण की सूचना में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 14 वर्ष से ज्यादा हो जाने के बाद भी काफी विलंब हो रहा है. इससे स्वाभाविक न्याय उन्हें नहीं मिल पा रही है. और ना ही बंदियों के परिजनों को इससे वह काफी आक्रोशित और निराशा में रहते हैं इसलिए लोक महत्व के इस विषय पर सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.
चेतन आनंद ने आंनद मोहन के रिहाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजनीतिक पूर्वग्रह की वजह से आनंद मोहन की फाइल आगे नही बढ़ाई गई. जिससे उनका परिहार परिसद की बैठक में नही भेजी जाती. आनंदमोहन जी का सवाल नही उठाना यह सरकार पूर्वग्रह से ग्रसित है. पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मामला उठा सदन में सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के कई फैसले एवं निर्देशो का उदहारण दिया गया.
बता दें राज्य भर के विभिन्न काराओं में बड़ी संख्या में उम्र कैद की सजा प्राप्त कैदी 14 वर्ष की अपनी निर्धारित सजा पूरी करने के बाद भी राज्य परिहार परिषद् द्वारा समय पर निर्णय नहीं लेने के कारण जेलों में बेवजह निरूद्ध हैं.