बिहार चुनाव में महिलाओं का जलवा: 9% ज्यादा वोट डाल पुरुषों को पछाड़ा, रिकॉर्ड 67% मतदान पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी नहीं कर सकते: झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले दिलीप जायसवाल, कहा..बिहार की जनता ने एनडीए के प्रति दिखाया अटूट विश्वास Bihar Election 2025: बिहार में पहली बार 68.79% मतदान, दूसरे चरण ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले सम्राट चौधरी, रफ़्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर एक बार NDA सरकार! Bihar Politics: मतदान खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, खड़गे को भेजी चिट्ठी Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक
1st Bihar Published by: DEVASHISH Updated Wed, 15 Dec 2021 02:27:40 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: मुजफ्फरपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी। उनके जिन्दगी में अंधेरा छा गया। इस 'अंखफोड़वा कांड' की चर्चा सुर्खियों में बनी हुई थी। आज इस मामले की जांच भी की जा रही है। इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार यानी कल स्वास्थ्य विभाग के एक कार्यक्रम में यह तक कह दिया कि जब सब इंतजाम सरकारी अस्पतालों में हैं तब लोग प्राइवेट अस्पतालों में क्यों जाते हैं? सरकार ने बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा भी किया लेकिन राजधानी पटना से जो तस्वीरें सामने आई है वह सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है।
दरअसल सड़क दुर्घटना में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग का पैर टूट गया। जिसके बाद उन्हें लेकर परिजन राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में पहुंचे। उनकी स्थिति बेहद खराब थी। चलने फिरने में वे असमर्थ थे लेकिन किसी तरह टांग कर परिजन उन्हें अस्पताल तक लेकर पहुंचे थे लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उन्हें एडमिट नहीं किया। अस्पताल में बेड खाली नहीं होने की बात कर उन्हें पीएमसीएच ले जाने की सलाह दी।
राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल से लौट रहे इस 70 वर्षीय बुजुर्ग पर जब फर्स्ट बिहार की टीम की नजर उस वक्त पड़ी जब जयप्रकाश हॉस्पिटल से बेली रोड मेन रोड पर ऑटो पकड़ने के लिए पिता को टांग कर उनके बेटे ले जा रहे थे। उनसे जब पूछा गया कि कहां लेकर जा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि पिता को लेकर पीएमसीएच जा रहे है।
घायल बुजुर्ग के बेटे ने बताया कि राजापुर में साइकिल ने टक्कर मार दी है। जिससे उनके पिता का पैर टूट गया है। लोगों ने बताया कि हड्डी का हॉस्पिटल राजवंशी नगर में है वहां ले जाइए जिसके बाद अपने पिता को लेकर वह यहां पहुंचा था लेकिन अस्पताल में बेड खाली नहीं रहने की बात अस्पताल के कर्मचारियों ने दी और कहा कि मरीज को पीएमसीएच ले जाइए।
परिजनों ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था फेल है। गरीब का इलाज नहीं हो रहा है। अस्पताल से हमें भगा दिया गया है यह कहकर की बेड खाली नहीं है। जबकि हमारे सामने कुछ लोगों बेड दिया गया क्योंकि उनके लिए विधायक और मंत्री का पैरवी आया था। पीड़ित बुजुर्ग ने भी कहा कि वीआईपी को बेड मेरे आंख के सामने दिया गया लेकिन हम गरीब है साहब इसलिए हमें वहां से भगा दिया गया।
बिहार में एक ओर बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का सरकार दावा करती है तो दूसरी ओर तरह की तस्वीरें निकलकर सामने आ रही है। मुख्यमंत्री कहते है कि जब सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त है तब लोग प्राइवेट अस्पतालों का रुख क्यों करते हैं। लेकिन इस मामले को देख यह कहना क्या सही होगा। यदि जयप्रकाश हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था रहती और समय रहते मरीज का इलाज शुरु किया जाता तो परिजन अन्य अस्पताल में क्यों ले जाते। सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क देखने को मिल रहा है।
घायल बुजुर्ग का बेटा साइकिल मिस्त्री है उसके पास तो उतने पैसे भी नहीं है कि वह अपने पिता का इलाज किसी अच्छे प्राइवेट हॉस्पिटल में करा सके। लोगों के कहने पर वह अपने पिता को बड़ी उम्मीद के साथ लेकर जयप्रकाश हॉस्पिटल पहुंचा था कि उनके पिता का बेहतर इलाज यहां किया जाएगा। लेकिन अफसोस अस्पताल में बेड खाली नहीं रहने का हवाला देकर मरीज और उनके परिजन को पीएमसीएच का रास्ता दिखा दिया गया।