छपरा में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष पर किया जोरदार हमला BIHAR NEWS : मां के सोते ही BA की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, अब पुलिस कर रही जांच BIHAR CRIME : नशे में धुत बेटे ने पिता पर किया हमला, चाकू छीनकर पिता ने कर दी बेटे की हत्या BIHAR STET EXAM : जानिए बिहार STET एग्जाम का पैटर्न, 5 घंटे में पूछे जाएंगे 300 सवाल; गलत जवाब पर भी नहीं कटेंगे जवाब Asia Cup 2025: सूर्या की कप्तानी में आज दिखेगा भारत का दम-खम, इस एप पर देखें इंडिया और UAE का लाइव मुकाबला Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी Bihar News: डीईओ साहब....संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया ब्लॉक के 20 स्कूलों में भी बिना काम के 1 करोड़ की हुई निकासी ! प्रधानाध्यापक ही भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल, जांच करायेंगे ?
1st Bihar Published by: Updated Wed, 08 Dec 2021 07:21:53 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बुधवार को एक नई बहस छेड़ दी। केंद्रीय विद्यालयों में सांसद का 10 नामांकन के कोटा को अपर्याप्त बताने के बहाने नामांकन में कोटा सिस्टम को ही खत्म करने की मांग कर दी। राज्यसभा में शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान को शिक्षामंत्री के नाते अपने कोटा को खत्म करने के लिए धन्यवाद देते हुए नामांकन में सांसदों के कोटा को खत्म करने की मांग कर दी।
मोदी ने आगे कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में चेयरमैन, डीएम का भी नामांकन कोटा खत्म होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब आईआईएम, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए कोई कोटा नहीं है तब केंद्रीय विद्यालय में कोटा होने का कोई औचित्य नहीं है।
सांसदों के 10 नामांकन का कोटा अपर्याप्त बताते हुए मोदी ने कहा कि कोटा एक तरफ सांसदों को अलोकप्रिय बना रहा है वही दूसरी ओर चुनावी विफलता का भी कारण बन गया है। यह अधिक योग्य बच्चों से उनका अवसर छीन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सांसदों का कोटा तत्काल खत्म कर देना चाहिए ताकि 8500 जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को जिसमें एससी-एसटी, पिछड़े और ईडब्लूएस वर्ग के 4000 छात्र-छात्राओं को पारदर्शी तरीके से एडमिशन पाने का अवसर मिल सके।