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1st Bihar Published by: Updated Thu, 16 Dec 2021 01:01:47 PM IST
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PATNA : अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर के सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। खास तौर पर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर हर राजनीतिक दल अपने समीकरण को तलाश रहा है। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड ने भी यूपी चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
जेडीयू की पहली पसंद एनडीए गठबंधन है। केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी ने अपने दावे वाली सीटों की लिस्ट बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया है। अब बीजेपी को इस पर फैसला लेना है। फिलहाल जेडीयू भारतीय जनता पार्टी के जवाब का इंतजार कर रही है।
पिछले हफ्ते दी गयी लिस्ट
उत्तर प्रदेश में जेडीयू के प्रभारी और पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में कहा कि हमने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को अपने दावे वाली सीटों के लिस्ट सौंप दी है। केसी त्यागी ने कहा है कि बीते हफ्ते जेडीयू की तरफ से लिस्ट दे दी गई है। फिलहाल प्रधानमंत्री के बनारस से दौरे और जेपी नड्डा के अयोध्या वाले कार्यक्रम को लेकर बीजेपी के नेता व्यस्त हैं और इसी वजह से अब तक लिस्ट के ऊपर कोई जवाब नहीं आ पाया है।
जेडीयू इस मामले में बीजेपी से जवाब मिलने का इंतजार कर रहा है। जैसे ही बीजेपी इस लिस्ट पर अपनी तरफ से जवाब देगी वैसे ही बातचीत का सिलसिला शुरू होने की उम्मीद है। केसी त्यागी ने कहा है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। आरसीपी सिंह निरंतर यूपी में एनडीए गठबंधन के साथ जेडीयू के गठजोड़ को लेकर प्रयास कर रहे हैं। उनकी पहल पर ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को लिस्ट सौंपी गई है।
यह पूछे जाने पर कि जेडीयू का दावा कितनी सीटों पर है, केसी त्यागी ने कहा कि हम अपनी बात मीडिया के जरिए नहीं रखना चाहते। अगर किसी एक आंकड़े का जिक्र कर दिया गया तो फिर बातचीत का कोई मतलब नहीं रहता है। हालांकि त्यागी ने इस बात पर भरोसा जरूर जताया कि बीजेपी के साथ जेडीयू का गठबंधन हो जाएगा। त्यागी ने विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में हुए गठबंधन और उसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की तरफ से अपने सीटिंग सांसदों का टिकट काट जेडीयू को सीट दिए जाने को मिसाल बताते हुए कहा कि बीजेपी हर हाल में अपने सहयोगियों को नहीं छोड़ना चाहेगी।
जेडीयू के पास विकल्प नहीं
उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है। ऐसे में बीजेपी गठबंधन को लेकर कोई भी फैसला बेहद सोच समझकर करेगी। सियासी जानकार मानते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस दफे यूपी में जेडीयू का संगठन कमजोर हुआ है। बीते विधानसभा चुनाव में आरसीपी सिंह ने पार्टी के लिए पूरा दमखम लगाया था। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी चुनाव में नहीं उतरी और अब अगर जेडीयू ने यूपी चुनाव के मैदान में उतरने का मन बनाया है तो इसके लिए वह पूरी तरीके से बीजेपी के ऊपर निर्भर नजर आ रही।
जेडीयू के पास दूसरे राजनीतिक विकल्पों की भी कमी है। जेडीयू सपा गठबंधन के साथ नहीं जा सकता और सपा जेडीयू को बहुत तवज्जो भी नहीं देने वाली। बीएसपी और कांग्रेस के साथ भी गठबंधन की संभावना है कम दिखती है। ऐसे में जेडीयू के नेताओं का पूरा फोकस इस बात पर है कि किसी तरह एनडीए गठबंधन से कुछ सीटें हासिल कर ली जाएं। त्यागी ने यह जरूर बताया कि यूपी इलेक्शन में हम 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं। ऐसे में बीजेपी हमें अगर एडजस्ट करती है तो उसे फायदा होगा। त्यागी ने कहा कि गैर यादव पिछड़ा वोट बैंक जेडीयू के एनडीए में आने से मजबूत हो सकता है और इसका फायदा मिल सकता है।