ब्रेकिंग न्यूज़

BCCI Pension Scheme: क्रिकेटर को संन्यास के बाद BCCI कितनी देती है पेंशन? जानिए... पूरी डिटेल Bihar land mutation online : “बिहार में जमीन म्यूटेशन का नया सिस्टम लॉन्च, अधिग्रहण के साथ ही होगा दाखिल-खारिज” Bihar Crime News: दूध लाने जा रहे युवक को बदमाशों ने मारी गोली, मां को फोन पर कहा- “मम्मी मुझे गोली लगी है” Patna School Tragedy: : पटना सरकारी स्कूल कांड: पांचवी की छात्रा आग से झुलसी, लोगों ने पुलिस पर बरसाए थप्पड़ और लाठियां Patna Metro: पटना मेट्रो का नया लुक हुआ वायरल, मधुबनी पेंटिंग से सजी बोगियां Bihar Crime News: प्रेमिका को गोली मार प्रेमी ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट ने खोले राज Nawada crime : मानवता हुई शर्मसार! महिला का सिर मुंडवाया,पति की मौत और पत्नी की हालत गंभीर Bihar Govt Jobs 2025 : TRE 4 को लेकर शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट, एक सप्ताह से अंदर आ जाएगा डेट; बस इन बातों का रखें ध्यान R Ashwin Retirement: आज मेरा आईपीएल करियर भी खत्म हो रहा...आर. अश्विन ने कहा क्रिकेट को अलविदा ATTACK ON MINISTER : बिहार सरकार के मंत्री और विधायक पर जानलेवा हमला, 1 किलोमीटर तक पैदल भागे

वट सावित्री व्रत पूजा आज, जानें पूजन विधि; शुभ मुहूर्त और खास दुर्लभ संयोग

1st Bihar Published by: BADAL ROHAN Updated Fri, 19 May 2023 08:40:36 AM IST

वट सावित्री व्रत पूजा आज, जानें पूजन विधि; शुभ मुहूर्त और खास दुर्लभ संयोग

- फ़ोटो

वट सावित्री व्रत 19 मई यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं और कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाओं वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत करने की परंपरा होती है। इस व्रत का महत्व करवा चौथ जैसा ही है। 


मान्यता है कि वट सावित्री व्रत में बरगद की पूजा, दान करने से यमराज और त्रिदेव व्रती को सुहावती रहने का वरदान देते हैं। महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा से भी ये व्रत करती हैं।  ज्येष्ठ अमावस्या पर यूपी, बिहार, झारखंड, दिल्ली, राजस्थान समेत उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत के दिन शोभन योग शुभ संयोग बन रहा है। शोभन योग शाम 6.20 बजे तक रहेगा। 


मालूम हो कि, वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रखे जाते हैं। जिसे कपड़े के दो टुकड़ों में ढक दिया जाता है। एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है। वट वृक्ष पर महिलायें जल चढाकर कुंमकुम व अच्छत चढ़ाती हैं। फिर सूत के धागे से वट वृक्ष को बांध कर उसके सात चक्कर लगाती हैं। तथा चने गुड़ का प्रसाद बांटा जाता है।


आपको बताते चलें कि, इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। वट वृक्ष के नीचे सावित्रि और सत्यवान की मूर्ति को रखें। इसके बाद मूर्ति और वृक्ष पर जल अर्पित करें। इसके बाद सभी पूजन सामग्री अर्पित करें। लाल कलावा को वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें। इस दिन व्रत कथा भी सुनें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।