1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 08 Feb 2025 09:04:34 AM IST
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Bihar School News : बिहार में शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहा हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन योजना में भारी बदलाव किया है। अब सूबे में इसको लेकर 15 फरवरी से नए नियम को लागू किया जाएगा। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन के मेन्यू में बदलाव के बाद सभी प्रखंड शिक्षा विभागों और स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नए निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल, शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार,15 फरवरी से पहले सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की दीवारों पर नए मेन्यू का लेखन सुनिश्चित करना होगा। इस तिथि से बच्चों को संशोधित मेन्यू के अनुसार पोषण युक्त भोजन दिया जाएगा। नए मेन्यू में खासतौर पर हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है, ताकि बच्चों को और अधिक पौष्टिक आहार मिल सके।
वहीं, अब मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट प्रतिदिन जिला शिक्षा कार्यालय को भेजनी होगी। इस रिपोर्ट पर न केवल स्कूल प्रधान बल्कि सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। यदि कोई शिक्षक हस्ताक्षर नहीं करता, तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने स्पष्ट किया कि 15 फरवरी से नया मेन्यू लागू किया जाएगा, और यदि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई गई, तो संबंधित प्रधानाध्यापक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मेन्यू को स्कूल की दीवार पर लिखना अनिवार्य होगा, जिससे अभिभावकों और ग्रामीणों को यह पता चल सके कि बच्चों को प्रतिदिन क्या भोजन दिया जा रहा है। राज्यभर के प्रारंभिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को अब सप्ताह में सिर्फ एक दिन, शनिवार को खिचड़ी परोसी जाएगी। वहीं, सोमवार और गुरुवार को चावल के साथ तड़का मिलेगा, जिसमें हरी सब्जी भी शामिल होगी। शिक्षा विभाग ने 15 फरवरी से लागू होने वाले नए मेन्यू की घोषणा कर दी है।
इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लंबे समय से मेन्यू में बदलाव की योजना बन रही थी। इस दौरान बच्चों की पसंद और भोजन की पौष्टिकता दोनों को ध्यान में रखा गया। गौरतलब है कि राज्यभर में 68,000 प्रारंभिक स्कूलों में हर दिन मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को पकाया हुआ भोजन दिया जाता है। सरकारी स्कूलों में करीब एक करोड़ बच्चे प्रतिदिन इस योजना का लाभ उठाते हैं।