Bihar News: बिहार के इन शहरों में होगा सैटेलाइट टाउनशिप का निर्माण, नियमों की अधिसूचना जारी.. Bihar News: SIR पर सियासी घमासान! तेजस्वी को नोटिस भेजेंगे विजय सिन्हा, कहा- पहले खेल के मैदान से भागे थे अब राजनीति से भागेंगे Bihar News: सड़क हादसे में महिला की मौत, बेटे की हालत गंभीर Bihar News: वेतन न मिलने पर कर्मी ने मैनेजर की बाइक चुराई, पुलिस ने किया गिरफ्तार Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, बिहार विधानसभा चुनाव का कर सकते हैं बहिष्कार; इसी महीने ले सकते हैं फैसला Tejashwi Yadav: “मेयर और उनके देवर के दो-दो ईपिक नंबर, गुजरात के BJP नेता भी बिहार के वोटर बने”, चुनाव आयोग पर तेजस्वी का हमला INDvsPAK: "हमारे जवान घर वापस नहीं आते और हम क्रिकेट खेलने जाते हैं", एशिया कप पर बड़ी बात बोल गए हरभजन सिंह; मीडिया को भी लपेटा Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव पर आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत
1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 May 2021 08:01:49 AM IST
- फ़ोटो
MADHUBANI : सुशासन वाले बिहार में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था की सबसे बेहतरीन तस्वीर में से एक को देखना है तो इस खबर के साथ लगी तस्वीर को देखिये. झोपडी के आगे बंधी गायों को देख कर आप जिसे तबेला समझ रहे हैं वह सरकार का स्वास्थ्य केंद्र है. यहां न कोई डॉक्टर आता है न नर्स. कागजों में इसे स्वास्थ्य केंद्र घोषित कर दिया है. बिहार में भीषण महामारी के दौर में भी स्वास्थ्य केंद्र ऐसे ही चल रहे हैं.
मधुबनी की है ये तस्वीर
बिहार की नीतीश सरकार जिस हेल्थ सिस्टम के कायाकल्प का दावा कर रही है उसकी सबसे नंगी तस्वीर यही है. मधुबनी जिले में खजौली प्रखंड के सुक्की गांव की ये तस्वीर है. प्रखंड मुख्यालय से इस गांव की दूरी सिर्फ चार किलोमीटर है. तबेले वाले एक आधे कच्चे औऱ आधे पक्के घऱ पर बोर्ड टंगा है-सरकारी स्वास्थ्य केंद्र. स्थानीय लोग बताते हैं कि 1990 के दशक में इस स्वास्थ्य केंद्र को सरकार ने खोला था. पिछले दस सालों से यहां सिर्फ गाय-भैंस ही दिखे हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि गांव के किशोरी सिंह नाम के एक व्यक्ति के घर पर ये स्वास्थ्य केंद्र खुला है. सरकारी कागजातों के मुताबिक यहां सरकार ने फिलहाल एक एएनएम की तैनाती कर रखी है जिनका नाम मंजुला कुमारी है. वे कहां रहती है, कब इस स्वास्थ्य केंद्र में आती है, जिसका स्वास्थ्य जांचती है ये गांव वालों को पता नहीं.
गांव वालों को पिछले 15 सालों से ये पता ही नहीं कि यहां कोई इलाज भी होता है. हां, एक जर्जर पुराना बोर्ड इस घऱ पर टंगा जरूर दिख जाता है जिससे पता चलता है कि ये सरकार का हेल्थ सेंटर है. दलितों-अति पिछडों की बहुलता वाले इस गांव में कोरोना जैसी लक्षण वाली बीमारी खूब फैली है. गांव वाले बताते हैं कि सर्दी-खांसी औऱ बुखार से कई लोग पीडित हैं. लेकिन आज तक न कोई जांचने आया औऱ ना ही कोई इलाज की व्यवस्था हुई. गांव वाले खुद ही दवा दुकानदारों से पूछ कर या झोला छाप डॉक्टरों की सलाह पर दवा ले रहे हैं. गांव