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1st Bihar Published by: Updated Mon, 21 Jun 2021 07:56:50 AM IST
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PATNA : बिहार में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। कोरोना से मरने वालों की तादाद सरकार की तरफ से जो अब तक बताई गई है उसमें इजाफा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके मुताबिक 20 जून तक राज्य में 9550 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। अब हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सरकार नए सिरे से इसकी समीक्षा करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए एक कमेटी बनाई है। माना जा रहा है कि इस समीक्षा के बाद बिहार में मौत का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा।
पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार के ऊपर कड़ी टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार मौत के आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से सामने नहीं ला सकती तो इससे गुड गवर्नेंस नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट की इस कड़ी टिप्पणी के बाद अब नीतीश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी के निदेशक प्रमुख रोग नियंत्रक के स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी और अपर निदेशक डॉ अंजनी कुमार शामिल हैं। यह कमेटी 7 जून से पहले कोरोना से हुई मौतों के उन आवेदनों की समीक्षा करेगी जो जिलास्तर कमेटियों को मौत के आंकड़े अपडेट करने की तारीख के बाद मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की तरफ से सभी जिलों के डीएम और सिविल सर्जन को इस बाबत दिशा निर्देश जारी किया गया है। प्रत्यय अमृत ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के अलावे सभी जिलों में 7 जून तक हुई मौत के आंकड़ों के सत्यापन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को भेजा गया जिसके आधार पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने मौत के आंकड़े को अपडेट किया। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि 7 जून से पहले बिहार में कोरोना से हुई मौतों का आवेदन जिलास्तर पर मिला हो। इसके सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
प्रत्यय अमृत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना से हुई मौतों से संबंधित सूचना तत्काल राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजी जाए। इस काम में लगे सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशीलता के साथ काम करने का निर्देश दिया गया है। जिला स्तर पर पहले से गठित समिति ही काम करती रहेगी। इस समिति में सिविल सर्जन, एसीएमओ और सिविल सर्जन की तरफ से तैनात किए गए एक वरीय डॉक्टर शामिल रहेंगे। यह समिति मौतों के सत्यापन की रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को भेजेगी और जिला पदाधिकारी इससे राज्य स्वास्थ्य समिति के पास भेजेंगे। अब इसकी समीक्षा का जिम्मा राज्यस्तरीय कमेटी को दिया गया है।