India-Pakistan Tension: टेरिटोरियल आर्मी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश, जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में जाएंगे लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी? India-Pakistan Tension: टेरिटोरियल आर्मी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश, जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में जाएंगे लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी? Bihar Crime News: बिहार में ATM कैश वैन से 70 लाख की चोरी, पलक झपकते ही पैसे उड़ा ले गए शातिर Bihar Crime News: बिहार में ATM कैश वैन से 70 लाख की चोरी, पलक झपकते ही पैसे उड़ा ले गए शातिर India-Pakistan Tension: सीमा पर पाक आर्मी की तरफ से भीषण गोलीबारी, भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब; अमृतसर-पठानकोट-जम्मू में ब्लैकआउट India-Pakistan Tension: सीमा पर पाक आर्मी की तरफ से भीषण गोलीबारी, भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब; अमृतसर-पठानकोट-जम्मू में ब्लैकआउट Bihar Politics: सीएम नीतीश कुमार का बेगूसराय दौरा, मुख्यमंत्री ने करोड़ों की योजनाओं की दी सौगात Bihar News: VTR के जंगलों में लगी भीषण आग, वन्यजीवों की जान पर मंडराया खतरा Bihar News: बिहार में भीषण सड़क हादसा, चार साल के मासूम की मौत, पांच लोग घायल Bihar Crime News: बिहार में यूरिया लदे ट्रक को ले भागे बदमाश, CCTV में कैद हुई चोरी की वारदात
1st Bihar Published by: Updated Wed, 27 Nov 2019 07:55:01 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स कराने के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है. जिसे लेकर निगरानी ने एफआईआर दर्ज की है. AICTE यानी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के दो निदेशक डॉ. ए कलानिधि और रवि चंद्रण समेत 11 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. ये केस गया के मगध टेक्निकल ट्रेनिंग कॉलेज से जुड़ा हुआ है.
मगध टेक्निकल ट्रेनिंग कॉलेज के अफसर और परिषद के अधिकारियों पर आरोप है कि इन सभी लोगों की मिलीभगत से साल 1994 से 2018 के बीच ऑटोमोबाइल डिप्लोमा की फर्जी डिग्री देकर छात्र और अभिभावकों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई है. आपको बता दें कि गया के मगध टेक्निकल ट्रेनिंग कॉलेज के नाम पर ही सालों से करोड़ों का फर्जीवाड़ा चल रहा था. दरअसल ये कॉलेज ही फर्जी निकला, क्योंकि बिना किसी मान्यता के ही इसे चलाया जा रहा था.
छात्रों को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स की फर्जी डिग्री देकर करोड़ों की मोटी रकम एंठने का यह खेल सालों से चल रहा था. कॉलेज के नाम पर फर्जी डिग्री देकर करोड़ों रुपये की उगाही की गई. वहीं निगरानी की शुरुआती जांच में पता चला है कि इस संस्थान को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता ही नहीं मिली है, इसके साथ ही ये बिहार विज्ञान एवं प्रावैधिकी संस्थान से भी रजिस्टर्ड नहीं है. इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित छात्र चंदन कुमार ने लोकायुक्त से इसकी शिकायत की. लोकायुक्त ने निगरानी को जांच के आदेश दिए थे. निगरानी की जांच में शिकायत सही पाया गया. 7 फरवरी 2019 को निगरानी ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंपी थी. जिसके बाद मंगलवार को निगरानी कोर्ट में केस दर्ज किया गया है. कोर्ट ने 21 दिसंबर तक निगरानी को अंतिम जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.