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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 18 Nov 2024 08:37:51 AM IST
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PATNA : क्या बिहार के अंदर शिक्षक बहाली को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से जो दुसरे फेज जो परीक्षा ली गई थी उसका पेपर लिक था? यह बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसको लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है और इसके बाद एक बार फिर से बिहार लोक सेवा आयोग पर सवाल उठना तय है। ऐसी चर्चा है कि इस पुरे मामले में तीन कोचिंग के संचालक भी शामिल है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में ईओयू ने कोर्ट में चार्जशीट जमा कर दी है। अब जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। इसमें यह कहा गया है कि माफियाओं ने टीआरई-2 का पेपर भी लीक किया था। इसको लेकर जब जानकारी ली गई तो सभी लोग दंग रहे गए कि आखिर इतना बड़ा कांड हुआ कैसे?
कैसे लिक हुआ पेपर
जानकारी के मुताबिक टीआरई-2 का प्रश्नपत्र विभिन्न जिलों तक ढोने वाली गाड़ियों में एक पिकअप का चालक भोजपुर का शिवकांत सिंह था। दिसंबर में परीक्षा से पहले शिवकांत और राहुल टीआरई-2 का प्रश्नपत्र लेकर पटना से मोतिहारी के लिए निकला। शिवकांत ने बताया कि सराय टोल टैक्स पहुंचने पर राहुल ने गाड़ी रुकवा दी।
वहां बिहार सरकार लिखी हुई स्कार्पियो और एक एल्ट्रोज कार आई। उससे 6-7 लोग उतरे। फिर पिकअप से प्रश्नपत्र वाला एक बॉक्स उतारकर स्कार्पियो में रखा गया। सुमित पिकअप में बैठ गया। स्कार्पियो व एल्ट्रोज लगी हुई थी। इसके बाद राहुल पिकअप से निकल गया पेपर बॉक्स पिकअप में वापस रख दिया इसके बाद शिवकांत और सुमित पेपर लेकर मुजफ्फरपुर से मोतिहारी डीएम ऑफिस के लिए निकल गए।
पेपर लिक करवाने के लिए 5 हज़ार में सौदा
शिवाकांत ने पुलिस से कहा कि मुझे पेपर लिक करवाने के लिए राहुल ने ₹5000 दिया था। वही रामनिवास चौधरी के अनुसार 2023 के दिसंबर महीने में परीक्षा से पहले टीआरई- 2 का प्रश्न पत्र ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक कराया गया था। इसके बदले राहुल ने उन्हें गाड़ी के भाड़ा के अलावा ₹8000 भी दिए थे। इसी तरह का काम तीसरे फेज की परीक्षा में भी हुई। गौरतलब है कि टीआरई-2 की परीक्षा दिसंबर में तक हुई थी। करीब 1.22 लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे।
पटना के गाड़ी वाले ने किया बड़ा सहयोग
मालूम हो कि, इस पुरे मामले के खुलासा उस वक्त हुआ जब टीआरई-3 पेपर लीक में आरोपित और जेनिथ लॉजिस्टिक के मुंशी राहुल के मोबाइल के सीडीआर में एक मोबाइल नंबर मिला। जो 'पिकअप चोर चौधरी' के नाम से सेव था। यह मोबाइल नंबर पिकअप के मालिक अगमकुआं के रहने वाले रामनिवास चौधरी का है जिन्होंने इसके लिए गाडी का इंतजाम करवाया। इन्होंने टीआरई-3 में नगरनौसा के एक ढाबे पर पिकअप वैन रोककर प्रश्नपत्र लीक किया गया। इस काम के लिए वैन ड्राइवर रामभवन पासवान को 7,000 रुपए दिए गए। पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया और उसका बेटा डॉ. शिव था।
डॉक्टर शिव पहले ही सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में उज्जैन से अपनी गर्लफ्रेंड और अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार हुआ था। फिलहाल वो बेउर जेल में बंद है। जेल से उसने अपने सहयोगियों को फोन कर सबूत मिटाने के निर्देश दिए। करण नाम के व्यक्ति ने राहुल का फोन फॉर्मेट कर सारे साक्ष्य डिलीट कर दिए। मालूम हो कि 15 मार्च 2024 को टीआरई-3 की परीक्षा थी। परीक्षा से पहले ही माफियाओं ने पेपर लीक कर दिया। उसके बाद परीक्षा रद्द हुई। फिर 19 से 22 जुलाई 2024 तक टीआरई-3 की दोबारा परीक्षा हुई। इस मामले में ईओयू में 16 मार्च 24 को केस किया था। अब तक 266 लोगों से अधिक की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इधर, ईओयू को टीआरई-3 पेपर लीक में पटना के तीन कोचिंग संचालकों की तलाश है। इन कोचिंग संस्थानों में प्रश्नपत्र सॉल्व कराए गए थे। संजीव मुखियाऔर उसके गिरोह ने इन कोचिंग संस्थानों को पेपर उपलब्ध कराया और कैंडिडेट्स भी भेजे। संजीव मुखिया पर आय से अधिक संपत्ति का केस भी दर्ज हो चूका है।